सतगुरू सुखरामजी महाराजकी जानकारी

सतगुरू सुखरामजी महाराजकी जानकारी

केवल ज्ञान विज्ञान

यह आदिसे (जबसे सृष्टी निर्माण हुई)है।

ब्रम्हा, विष्णू, महादेव, शक्ती, शेष सब केवलका आधार लेके

इस सृष्टी मे अपना अपना कार्य पूरा कर रहे है।

हर युगमे ‘आदि सतगुरू’ आते है,

और यह केवलका ज्ञान जिवों तक पहुचाते है।

उन्हे भवसागर से निकालकर अमरलोक मे लेके जाते है।

ऎसेही इस कलजुगमे  “आदि सतगुरू सुखरामजी महाराज

राजस्थान मे (भरतखंडमे) ‘जोधपुर’ जिलामे बिराही’ गाव मे

ब्राम्हण कुलमे संमत १७८३ चैत्र शुद्ध ९ गुरुवार – ४-४-१७२६  मे आये। 

गुरू महाराजने गर्भवासमे जनम नही लिया,

बल्की “सुखराम” नामके बालक के देहमे (जब बालकका देह छुट गया)

सतस्वरुप (अमरलोकसे) देशसे आकर प्रवेश करके देह धारण किया। 

गुरूमहाराजने अखंडीतरुप से अठरा साल तक एक पत्थरपर बैठकर

केवलकी भक्ती (रामनाम का भेदसहित सुमिरण) की।

नब्बे साल तक रहकर सव्वा लक्ष जीवोंको परम मोक्ष मे लेके गये।

संमत १८७३ कार्तिक शुद्ध १२ गुरुवार ३१-१०-१८१६ परम मोक्ष में गये।

अभीभी उनका सत्ता रुपसे वही कार्य शुरु है।

 ॥ राम राम सा॥

1 thought on “सतगुरू सुखरामजी महाराजकी जानकारी”

  1. Ram ji Ram maharoj , सतगुरू जी महाराज बहुत ही जीवों को इस भवसागर से आनंदलोक ले जाते है जीवों पर निजमेहर करते हैं,गुरु महाराज ने मेरा जीवन ही बदल दिया । मेरे नित नियम बदल गए और सही रास्ते पर चलने लगा आज सब कुछ अच्छा है गाड़ी ,बगला , शिक्षा का संस्थान …..

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