— आदि सतगुरु सुखरामजी महाराज की अणभै वाणी —

सूचना : वाणीजी का आदर करना है, अपने मन से अर्थ न लगाये। सूचना का पालन न करने से परमात्मा सतगुरु महाराज के दोष लगेंगे।

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